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#जामुन में पोटेशियम, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो दिल को स्वस्थ रखते हैं। यह ब्लड प्रेशर कंट्रोल करता है, कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है और आर्टरीज में फैट जमा होने से रोकता है। इससे हार्ट डिजीज का जोखिम कम होता है। इसमें मौजूद विटामिन C, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।जामुन के बीज में एंटीऑक्सीडेंट्स गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाने में कारगर हैं. इसके चूर्ण के सेवन से लिवर की कोशिकाओं की रक्षा होती है. इसके अलावा, यह हार्ट हेल्थ के लिए भी बहुत बेहतर है. इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो लिवर और हार्ट की सूजन को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं.
जामुन खाने का सबसे अच्छा समय दोपहर या शाम को होता है। खाली पेट जामुन खाने से पेट में गैस, एसिडिटी या जलन हो सकती है। जामुन को रात में खाने से बचना चाहिए, क्योंकि यह पाचन में समस्या पैदा कर सकता है.
लेकिन यदि आपको डायबिटीज की समस्या है तो आपको रोजाना खाली पेट 6-7 मखाने के दानों का सेवन करना होगा। कुछ दिन तक ऐसा करने से ब्लड में शुगर लेवल ठीक हो जाता है। जामुन - जैसा की आपने इसके बारे में उपरोक्त भाग में भी पढ़ा है की शुगर में जामुन की गुठली के फायदे बहुत हैं। यह इंशुलिन रेग्युलेशन में बहुत फायदेमंद होता है।
जामुन में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए जरूरी होते हैं। रोजाना जामुन खाने से इम्युनिटी मजबूत (Immunity Strong) होती है, खून बढ़ता है, साथ ही सांस से जुड़ी परेशानी भी दूर होती है। इसके अलावा वजन घटाने में भी इससे मदद मिलती है।
पोटैशियम से भरपूर जामुन आपके दिल के लिए बेहद फायदेमंद होता है. जामुन खाने से हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों को दूर किया जा सकता है. ये खून के फ्लो को आसान करता है ताकी उसमें किसी प्रकार का खतरा ना हो.
दांत संबंधी किसी भी समस्या में जामुन फायदेमंद होता है। जामुन के पत्तों की राख बना लें। इससे दांत और मसूड़ों पर मलने से दांत और मसूड़े मजबूत होते हैं। जामुन के पके हुए फलों के रस को मुंह में भरकर, अच्छी तरह हिलाकर कुल्ला करें। इससे पाइरिया ठीक होता है।
अगर बार-बार दस्त हो रहा है तो 5-10 मिली जामुन के पत्ते का रस बना लें। इसे 100 मिली बकरी के दूध के साथ मिलाकर पिएं। इससे दस्त में लाभ होता है।
पाइल्स या बवासीर होने पर जामुन के कोमल कोपलों के 20 मिली रस में, थोड़ी-सी शक्कर मिला लें। इसे दिन में तीन बार पीने से बवासीर से बहने वाला खून बन्द हो जाता है।
10 ग्राम जामुन के पत्तों को 250 मिली गाय के दूध में घोंट लें। सात दिन तक सुबह, दोपहर तथा शाम को पीने से बवासीर में गिरने वाला खून बन्द हो जाता है।
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