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Jeevan-Hayat Wellness Centre | Patna

Jeevan-Hayat Wellness Centre
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सुथनी: हमारे सांस्कृतिक और स्वास्थ्य खजाने का दुर्लभ रत्न
सुथनी, जिसे अंग्रेजी में “लेसर याम” कहा जाता है, हमारी लोक संस्कृति और पारंपरिक खानपान का वह अनमोल हिस्सा है, जो अब विलुप्ति के कगार पर है। यह कंद भारत में खासतौर पर छठ पूजा के समय देखा जाता है और इसके बिना यह पवित्र व्रत अधूरा माना जाता है।
सुथनी: बचपन की यादों से बाजार तक
बचपन के गांवों में सुथनी हर घर में उगाई जाती थी। आज जब बाजार में इसे 40 रुपये पाव के भाव से खरीदा, तो ऐसा लगा मानो कोई दुर्लभ रत्न मिल गया हो। यह जमीन के करीब 5-6 इंच नीचे उगता है और इसकी लता 3 मीटर तक लंबी होती है। हालांकि अब यह पूरे साल में सिर्फ छठ पर्व के दौरान ही दिखाई देती है।
स्वास्थ्य का खजाना: सुथनी के पोषक तत्व
सुथनी में विटामिन बी, एंटीऑक्सीडेंट, और एंटी-बैक्टीरियल गुण प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसका सेवन कई स्वास्थ्य समस्याओं से निजात दिलाने में मदद करता है।
1. पाचन और भूख नियंत्रण: यह भूख नियंत्रित करता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।
2. एंटी-एजिंग गुण: इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट एजिंग के लक्षणों को कम करते हैं और त्वचा को स्वस्थ बनाए रखते हैं।
3. अल्सर और सूजन का उपचार: पारंपरिक भारतीय चिकित्सा में सुथनी का उपयोग अल्सर के इलाज के लिए किया जाता है। वहीं, शोधों के अनुसार यह सूजन और जलन में भी लाभकारी है।
4. गर्भनिरोधक और पौरुष शक्ति: जनजातीय समुदायों में इसका उपयोग गर्भनिरोधक के रूप में किया जाता है। साथ ही, यह पौरुष शक्ति बढ़ाने में भी सहायक है।
सुथनी का वैश्विक महत्व
सुथनी केवल भारत तक सीमित नहीं है।
• चीन: 1700वीं शताब्दी से इसका उत्पादन किया जा रहा है और इसे बेरी-बेरी रोग के उपचार में उपयोग किया जाता है।
• अफ्रीका और कैरेबियन द्वीप: इसे सुखाकर आटे के रूप में ब्रेड बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
• थाईलैंड: यहाँ इसे नारियल, चीनी या नमक के साथ खाया जाता है।
• असम: कर्बी जनजाति के लोग इसे अपने मुख्य भोजन के रूप में अपनाते हैं।
संरक्षण की जरूरत
आज जब सुथनी जैसे पारंपरिक खाद्य पदार्थ धीरे-धीरे विलुप्त हो रहे हैं, तो इन्हें बचाना हमारी जिम्मेदारी है। यह न केवल हमारी संस्कृति का प्रतीक है, बल्कि स्वास्थ्य का अमूल्य खजाना भी है।
आइए, हम सब मिलकर अपने पारंपरिक खाद्य पदार्थों को संरक्षित करने का संकल्प लें और अपनी आने वाली पीढ़ियों को इस खजाने से परिचित कराएं। सुथनी को अपने आहार में शामिल करें और दूसरों को भी इसके लाभों के बारे में जागरूक करें।
जीवन हयात वेलनेस सेंटर हमेशा आपके स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए समर्पित है।
डॉ. मुशीर आलम, निदेशक, जीवन हयात वेलनेस सेंटर
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Event Venue & Nearby Stays

Jeevan-Hayat Wellness Centre, Opposite IGIMS Gate, R.K. Estate Basement , Pillar no 62, Raja Bazar, Bailey Road,Patna, India

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