किताब
विनीत कुमार दुबे की आँखों में
किताबों की दुनिया बसी है जिसमें।
किताबें चुपचाप कहतीं कहानी
हर पन्ना जैसे हो पुरानी निशानी।
कहती हर पन्ने प्यारी कहानी
बचपन की यादों की मिठास जिसमें।
कभी हंसाए कभी रुलाए
जीवन के रंग सब दिखाए।
विश्वास की पंक्तियों में छुपी
हर रात और हर सुबह की ताजगी।
वो अक्षर जो बेजान दिखते
जीवन का हर सबक सिखाते।
जीवन की सबक सिखातीं
खुशियों की डोर बांधातीं।
कभी वीरों की गाथाएं सुनाएं
कभी प्रेम की धुन में डूब जाएं।
विनीत कुमार दुबे बनी ये किताब
आपकी मुस्कान का राज़ लिए साथ।
सपनों के परिंदे उड़ते हैं इनमें
आशाओं के दीप जलते हैं इनमें।
खोलें इसे और बढ़ें आगे
हर पल में नयी दुनिया बसाएं।
कभी रहस्य से परदा उठाएं
कभी अद्भुत दुनिया की सैर कराएं।
अपनी कल्पना से रंग भरें
खुशियों के रंग बिखेरें।
कभी वीर रस कभी श्रृंगार
किताबें होतीं अनमोल उपहार।
विनीत कुमार दुबे की कला
अनमोल विचारों की माला।
इनके बिन अधूरी है दुनिया
ज्ञान का सागर है इनमें बसा।
इस किताब में छुपी है जीने की राह
कभी खुद में खो जाना सिखातीं
कभी दुनियादारी की राह दिखातीं।
विनीत कुमार दुबे का साथ सदैव साथ।
जीवन की हर ओर सफ़र कराएं
प्यारी किताबें अनमोल खजाना
हर पढ़ने वाले का सच्चा याराना।
इस किताब के साथ हम सब चल पड़े।
विनीत कुमार दुबे की आवाज़ में
किताबों की गहराइयों में खो जाएं।
हर पन्ने में बसी है एक दुनिया नई
किताबों से बढ़कर दोस्ती कहाँ कोई सही।
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