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महाकुंभ और कुंभ मेले में अंतर ये हैं: • महाकुंभ 144 साल में एक बार लगता है, जबकि कुंभ मेला हर 12 साल में लगता है।
• महाकुंभ केवल प्रयागराज में लगता है, जबकि कुंभ मेला चार पवित्र जगहों पर लगता है। ( हरिद्वार, उज्जैन, नासिक, और प्रयागराज )
• महाकुंभ को सभी कुंभ मेलों में सबसे पवित्र माना जाता है।
• महाकुंभ को 'भव्य कुंभ' भी कहा जाता है।
• महाकुंभ व कुंभ मेले का आयोजन बृहस्पति, सूर्य और चंद्रमा की ज्योतिषीय स्थिति के आधार पर किया जाता है।
� महाकुंभ से जुड़ी मान्यताएं:
• मान्यता है कि महाकुंभ में स्नान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।
• महाकुंभ में स्नान करने से कई गुना अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है व सभी पाप धुल जाते हैं और जीवन में सफलता मिलती है।
� महाकुंभ 2025 के बारे में क्या खास है ?
• महाकुंभ 2025 का शुभारंभ पौष पूर्णिमा के अवसर पर 13 जनवरी को हुआ था और यह 26 फरवरी, महाशिवरात्रि तक चलेगा।
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Event Venue & Nearby Stays
KumbhMela 2025 Prayagraj - Allahabad, Ganga Maa,Allahabad, India