Advertisement
📕मेरे ''साधना शिविर'' करने का और मेरा मुख्य उद्येश्य मनुष्य जाति का '‘आत्म-उत्थान’' करना, ‘'ईश्वर’' की ओर उसे उन्मुख करना, ताकि मनुष्य अपने जीवन को समझ '‘सुख-शांति-समृद्धि'' प्राप्त कर सके.. '‘स्वयं'' को भूल '‘स्व'' का हो जाये..तन मन के पार '‘प्राणों'' में उतरे, जहाँ जीवन का मूल-तत्व '‘परमात्मा'' का ''आनंद-स्वरूप'' विद्यमान है ,जो मनुष्य जीवन की शुरुवात भी है और अंतिम सत्य भी..............🪷📕‘शरीर’ ''धर्म'' है , ‘प्राण’ ''तत्व'' है , ‘आत्मा' ''केंद्र'' है , ‘परमात्मा' ''मूल'' है, तुम्हारे जीवन का ''अर्थ'' है, ''निष्कर्ष'' है, ''निःशब्द'' है..सिर्फ वही ''एक'' है तुम्हारा जिसे तुम पा ‘'पूर्ण'' हो जाओगे..आओ न एक बार फिर ‘'आनंद'' की ओर..............🪷
📕आज समाज को '‘स्व-सार-सत्य-शिवानन्द'' को उपलब्ध '‘सदगुरु'' की आवश्यकता है, जिससे मिल मन '‘शांत'' और ‘'निश्चल'’ होने का गुण मिले और जीवन 'पागलपन' में नहीं बल्कि '‘प्रेम'' में बीते ,यदि आप भी चाहते है तो आगे आये और अपने जीवन में ‘'सदगुरु'' धारण कर जीवन को सार्थक,सिद्ध व सफल कर लें................🪷
-Swami Kamleshwaranand Ji
Advertisement
Event Venue & Nearby Stays
Raipur City,Chattisgarh, Raipur, India